फलन को परिभाषित कीजिए?( falan ko paribhashit kijiye)
गणित में, फलन (function) शब्द का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई राशि का मान किसी एक या अधिक राशियों के मान पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, किसी ऋण का चक्रवृद्धि ब्याज उसके मूलधन, समय और ब्याज दर पर निर्भर करता है; गणित में कह सकते हैं कि चक्रवृद्धि ब्याज, मूलधन, ब्याज दर और समय का फलन है। इस ब्लॉग में आगे फलन को पारिभाषित किया गया हैं। जिससे आप फलन को आसानी से समझ सकें।
यदि x एक स्वतन्त्र चर और y एक आश्रित चर है, तो
y=f(x) है।
फलन को समझने के लिये कुछ परिभाषाएँ:
• .जब दो चरों x और y में ऐसा संबंध पाया जाता है कि x के प्रत्येक मूल्य के लिए y का एक विशिष्ट मूल्य होता है, तो हम कहते हैं कि y, x का फलन (y is the function of x) है। निम्नलिखित इसकी व्याख्या कर सकते हैं।यदि x एक स्वतन्त्र चर और y एक आश्रित चर है, तो
y=f(x) है।
• .एक फ़ंक्शन (फलन) को एक आउटपुट वाले इनपुट के सेट के बीच संबंध के रूप में परिभाषित किया जाता है। सरल शब्दों में, एक फ़ंक्शन इनपुट के बीच एक संबंध है जहां प्रत्येक इनपुट बिल्कुल एक आउटपुट से संबंधित होता है। आसान शब्दों में कहे तो फलन एक ऐसा "बॉक्स" है जिसमें आप स्वतंत्र चरों के मान डालते हैं, और बॉक्स आपको आश्रित चर का मान वापस करता है। प्रत्येक फ़ंक्शन (फलन) का एक प्रान्त (domain), सहप्रांत (codomain)और (range) रेंज होता है। एक फलन को आमतौर पर f(x) द्वारा दर्शाया जाता है जहां x इनपुट है।
फलन की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं:
प्रत्येक स्वतंत्र चर के मान के लिए, आश्रित चर का केवल एक ही मान होता है।फलन को आमतौर पर f(x) द्वारा दर्शाया जाता है, जहां f फलन का नाम है और x स्वतंत्र चर है।
फलन के तीन मुख्य घटक होते हैं:
प्रांत (Domain): स्वतंत्र चर के सभी मानों का समुच्चय जिनके लिए फलन परिभाषित होता है।
सहप्रांत (Codomain): आश्रित चर के सभी संभावित मानों का समुच्चय।परिसर (Range): उन सभी मानों का समुच्चय जो फलन वास्तव में ग्रहण करता है।
किसी समुच्चय (set) Aसे समुच्चय (set) B में संबंध f एक फलन कहा जाता है यदि समुच्चय A के प्रत्येक अवयव का समुच्चय B में एक और केवल एक प्रतिबिंब (image) होता हैं।
यहाँ f:X→Y से अर्थ है कि
• f,X से Y में एक फलन (function) है।
• X को f का प्रांत (domain) और Y को f का सहप्रांत (codomain) कहते हैं।
किसी समुच्चय (set) Aसे समुच्चय (set) B में संबंध f एक फलन कहा जाता है यदि समुच्चय A के प्रत्येक अवयव का समुच्चय B में एक और केवल एक प्रतिबिंब (image) होता हैं।
यहाँ f:X→Y से अर्थ है कि
• f,X से Y में एक फलन (function) है।
• X को f का प्रांत (domain) और Y को f का सहप्रांत (codomain) कहते हैं।
फलन के प्रकार (types of function)
फलन कई प्रकार का होता है। फलन के निम्नलिखित महत्वपूर्ण प्रकारों का उल्लेख है:रेखिक फलन (linear function):
वह फलन जिसमें स्वतन्त्र चर x की अधिकतम धात 1 होती है, रेखीय फलन कहलाता है। इन्हें निम्नलिखित रूप में लिखा जा सकता है:जब a और b अचर हैं, तो Y = ax + b और a≠0
बहुपद फलन (polynomial function):
बहुपद फलन एक फलन है। यदि y = f(x) = a0+a1x+a2x2 +......+ anxn, तो n एक ऋणेतर पूर्णांक है। an ≠0y=a एक स्थिर फलन है जब n=0 है।
y = a0+a1x एक रेखीय फलन है जब n = 1।
y = a0+a1x+a2x2 एक द्विघातीय फलन है यदि n = 2।
परिमेय फलन (Rational Function):
परिमेय फलन दो बहुपदों का भिन्न है। अर्थात् Y =f (x )/g (x )जहाँ g (x )≠ 0
उदाहरण:f (x )= x+2/x +5
स्पष्ट फलन और अस्पष्ट फलन:
यदि y का मान x के संदर्भ में स्पष्ट रुप से दिया गया है,तो फलन y = f (x), x का स्पष्ट फलन कहलाता है।
जैसे y = f(x)
तथा फलन y तथा x में मिश्रित हो तो फलन अस्पष्ट फलन कहलाता है।
जैसे- f (x ,y)=0
लघुगणकीय फलन (Logarithmic Function):
लघुगणकीय फलन वह फलन्ं होते है जिनमें स्वतन्त्र चर x लघुगणक के रूप में होता है।सम और विषम फलन (Even Function and Odd Function):
एक फलन y = f(x) को x का सम फलन कहते है यदि f(-x) = f(x) है।जैसे- f (x )=x ²
तथा एक फलन f(x) को x का विषम फलन कहते हैं जब f(-x)= - f(x) है।
जैसे- f (x )=x ⁵
त्रिकोणमितीय फलन (Trigonometric Function):
एक फलन जो कोणों के माप से संबंधित होता है त्रिकोणमितीय फलन कहलाता है।
जैसे- f (x )=sinx,cosx,tanx etc.
आपको फलन के सभी पहलुओं को समझाने के लिए हमारे YouTube Channel और Blog पर आपको फलन के बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारी मिलेगी, जैसे कि:
• फलन की परिभाषा
• फलन का क्या अर्थ है?
• फलन कितने प्रकार के होते हैं?
• फलन के उपयोग
• संबंध एवं फलन
• फलन के PYQs और उनके solutions
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